मेरे आदरणीय निंदक ,,दिल के नज़दीक छद्म राष्ट्रभक्ति के बहकावे में भटके
मेरे दिल की धड़कन बने अज़ीज़ भाइयो ,,मेने सारे जहाँ से अच्छा ,, ,रिक्त
स्थान ,छोड़कर ,,उम्मीद की थी के आप भी ओरिजनल राष्ट्रभक्तो की तरह
,,हिन्दुस्तान हमारा कहकर ,अपना फ़र्ज़ निभाएंगे ,,लेकिन अफ़सोस हुआ आपने ,,न
जाने क्यों ,,न जाने किस रंजिश से ,,किस नाराज़गी से ,,मेरे इस हिन्दुस्तान
को सारे जहाँ से अच्छा स्वीकार करने में गुरेज़ किया ,,आपके अलफ़ाज़ थम गए
,,स्याही खत्म हो गयी ,,सारे जहाँ से अच्छा हिंद्स्तान हमारा कहने के
पहले ही ,,आप की जुबां तालु में अटक गयी ,,और भी अफ़सोस तब हुआ ,तब आपने
भावना समझकर ,,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,,नारे में शामिल होने
की जगह इसे विवादित बना दिया ,,इसे मानने से इंकार कर दिया ,,,पता नहीं
क्यों ,,लेकिन मेरे मित्रो ,,मेरे भाइयो ,,मुझे चाहे आपके घर आकर ,,आपको
गले लगाकर ,आप की मीठी जुबां से सारे जहाँ से अच्छा सिर्फ और सिर्फ
हिंदुस्तान हमारा ही है ,,कहलवाने के लिए प्रार्थना करना पढ़े ,,समझाइश करना
पढ़े ,,आपको कोटा बुलाना पढ़े ,,आपके घर पर बिस्तरे लेकर कई दिनों तक ,,बिन
बुलाये मेहमान की तरह पढ़ा रहना ,पढ़े ,लेकिन में आप भाइयो के ज़हन में ,,सारे
जहां से अच्छा सिर्फ और सिर्फ हिन्दुस्तान ही हमारा है ,,बिठा कर रहूंगा
,,मेरे भाइयो मुझे पता है ,आप परवरिश में जो नफरत का माहौल मिला है ,,आपके
इर्द गिर्द जो आपको लोग मिले है उस वजह से ,,या फिर किसी रिमोट से चलाने
वाली खरीददार शख्सियत द्वारा लगाई गयी चिप लगा देने से उनकी भाषा बोल रहे
,,है ,हर बात का विरोध ,,हर बात पर नफरत ,,गुस्सा ,,समझ नहीं आता ,,लेकिन
दोस्तों ,,एक दिन तुम्हे मेरे राष्ट्रपेम ,,मेरी मोहब्बत ,,मेरे इस्लामिक
अख़लाक़ से मोम की तरह पिघला कर ,,दोस्त न बना लूँ कहना ,,आज से अभी से
,तुम्हारी नफरत और मेरी मोहब्बत की जंग है ,,तुम चाहो जितनी नफरत भड़काओ
,,जितने नफरत के शोले जलाओ ,,,मेरी मोहब्बत की बारिश के आगे इसे बुझना ही
होगा ,,मोहब्बत का एक हरा भरा बाग़ ,,,ओरिजल राष्ट्रीयता का एक खुशनुमा
,,खुशबूदार गुलाब खिला कर ज़रूर रहूंगा ,,में फिर कहूंगा ,,,आप से भी उम्मीद
करूँगा के आप भी इसे स्वीकारे इसे कहें ,के सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान
हमारा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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