योगी जी अगर संविधान को समझते ,,योगी जी अगर राष्ट्रीय व्यक्तित्व के धनी
होते ,,योगी जी अगर नफरत बाज़ नहीं होते ,,योगी जी अगर बदले की भावना वाले
सेफ्रोन एजेंडे को बदनाम करने वाले साज़िशकर्ता नहीं होते ,,,तो वोह
निष्पक्ष होते ,,उनके पुरे राज्य के मुख्यमंत्री होते ,,,लेकिन उनका
उद्देश्य एक अच्छे नैतिकता वाले हिन्दुवाद को बदनाम करने की साज़िश है ,,देश
का संविधान किसी को भी वन्देमातरम गाने ,या फिर तिरंगा लहराने को बाध्य
नहीं करता ,,,यह एक जज़्बा है ,,जो हर भारतीय में होना चाहिए ,,सारे जहाँ से
अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,,,यह कहने की हिम्मत यह कहने का हौसला हर भारतीय
में होना चाहिए ,,,जो ऐसा नहीं कहता इसका मतलब वोह गद्दार है वोह हमारे
हिंदुस्तान को सारे जहाँ से अच्छा नहीं मानता ,,अगर में यह कहूं ,,भारत में
रहना होगा ,,तो सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,कहना होगा ,,,तो
क्या आप मुझे राष्ट्रीयता का प्रमाणपत्र देंगे ,,या फिर मुझे शरारती
,,फ़ितनेबाज़ कहकर मेरी आलोचना करेंगे ,,,हिंदुस्तान ज़िंदाबाद ,,,जय हिन्द
,,क्यों नहीं कहें हम ,,,कुछ लोग अगर कहते है ,,ऐसा लेखन ,,ऐसा गायन जिसे
अँगरेज़ के किसी ऐसे गुलाम ने लिखा हो जब ,,क्वीन एलिज़ाबेथ ,जिसे कुछ भारतीय
गुलाम माँ कहते थे ,,,और इस लेखन के बाद ,,ऐसे अंग्रेज़ो के नौकर को
अंग्रेज़ों ने नौकरी से नहीं हटाया ,हो उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की हो
,तो क्या वोह अंग्रेज़ो के खिलाफ लिखा हुआ लेखन माना जाएगा ,,एक ऐसा दौर
जब अँगरेज़ क्रन्तिकारी लेखन करने वाले लेखकों को ,चुन चुन कर प्रताड़ित कर
रहे थे कोई भी लेखन जो उनके खिलाफ था उसे लिखने वाले को गिरफ्तार किया जा
रहा ,,था और ऐसे लेखन को ज़ब्त कर ,,प्रतिबंधित किया गया था ,ऐसे में जो
लेखन प्रतिबंध न क्या गया हो ,,अंग्रेज़ो ने जिस लेखन को प्रतिबंध करने की
जगह सराहा हो ,,जो लेखन अंग्रेज़ो के यहां नौकरी करने वाले ने लिखा हो और
ऐसे लेखक के खिलाफ अंग्रेज़ों ने रत्तीभर कार्यवाही तो दूर की बात कोई विरोध
भी नहीं किया ,हो ,,तो क्या अर्थ निकाला जा सकता है ,,,,अंग्रेज़ो की क्वीन
एलिज़ाबेथ गुलाम कुछ भारतीयों कुछ मौक़ापरस्तो के लिए माँ कहलाती थी ,,लेकिन
जलियावाला बाग़ सहित कई नरसंहार से प्रताडितो के लिए वोह जल्लाद ,,राक्षस
,,,डायन थी ,,,,जय हिन्द ,,जय भारत ,,भारत माता की जय ,,,है माँ तुझे सलाम
,,,,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,,राष्ट्रभक्ति नहीं तो और क्या
है ,,खेर देश का अपना संविधान है ,,संविधान नहीं तो हर देशवासी के दिलों
में तिरंगे का सम्मान ,,,राष्ट्रीयता के प्रति सैद्धांतिक सोच होना चाहिए
,,वरना इसका विरोध करने वालो की हमारे देश में कोई जगह नहीं होना चाहिए ,
ऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही के लिए एक सख्त क़ानून भी बनना चाहिए ,,,आदरणीय
योगी जी आप उत्तरप्रदेश में सिर्फ मदरसों में तिरंगा फहराना चाहते है जहां
पहले से ही तिरंगा फहराया जाता है ,,जहाँ बच्चे को ,,सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा ,,समझाया जाता है ,,,,योगी जी आप अपने गिरेहबान में झांके
आदेश को संशोधित करे और आपके उत्तरप्रदेश के सभी मदरसों ,,सभी स्कूलों
,,सभी संघ के स्कूलों ,,,,आपकी वाहिनी द्वारा संचालित गुरुकुल ,,अखाड़े
,,स्कूलों में होने वाले स्वतंत्रता कार्यक्रम की विडिओ रिकॉर्डिंग
मंगवाइये और उसे आप की अध्यक्षता में चार हाईकोर्ट जज के साथ देखिये ,,,पता
चल जाएगा कोन देशभक्ति का प्रमाणपत्र हांसिल करने का हक़दार है और कौन देश
से राष्ट्रभक्ति के दिखावे ,,राष्ट्रभक्ति से इंकार का पापी है ,,क्या कर
सकोगे ऐसा ,,नहीं ,,बल्कि मेरे इस सच से उबल जाओगे ,नाराज़ हो जाओगे ,,अपने
लबरगुट्टो से ,,किराए के फ़रेबियो से ऊलजलूल बकवास लिखवाओगे ,,अगर आप सच में
राष्ट्रभक्त है तो प्लीज़ अंतरात्मा की आवाज़ को झकझोरे ,,मेरे इन सवालों के
बारे में विचार करे ,चिंतन करे ,,हम से भाई भाई ,,देश वासी ,हमारे देश की
रक्षा ,,देश की अस्मिता के लिए जान देने वाले है ,,तो फिर क्यों कन्फ्यूज़न
,,अब तो सत्ता आ गयी ,,प्लीज़ ,,अब भड़काओ मत,,,नफरत मत फेलाओ सिर्फ और
सिर्फ विकास और देश की सुरक्षा करो ,,देश के गद्दारो को ,,देश में अराजकता
फैलाने वालो को ,,देश में फितना फैलाने वालो को जो कोई भी हों ,,उन्हें चुन
चुन कर जेल की सींखचों में डालो ,,शासंन चलाओ ,,बच्चो की ऑक्सीजन बंद होने
से अकाल मोतो की नैतिक ज़िम्मेदारी लोग ,,विकास करो ,,,सुरक्षा करो
,,बेटियों की सुरक्षा करो ,,,, क्या अपने ज़मीर को देश के लिए
,,राष्ट्रीयता के लिए ,,भारत माँ की जय के लिए ,,सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा कहने की हिम्मत कर सकोगे ,,या फिर अमेरिका ,,और दूसरे
देशो को हमारे हिंदुस्तान से अच्छा मानने के खौफ से ,,यह गीत नहीं गा पाओगे
,,सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,,कहने पर ,सारे जहां से अच्छा
खुद अमेरिका अपने आपको सोचने वाला देश आपसे नाराज़ न हो जाए ,,इसलिए इस गीत
को नहीं कह पाओगे ,अरे विश्व के किसी भी देश का डर केसा ,,गर्व से कहो
,,फख्र से ,,कहो ,,सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,, था है और हमेशा
,,हमारा हिंदुस्तान सारे जहाँ से अच्छा ही रहेगा ,,जिन गद्दारो को इस सच से
गुरेज़ है ,,इस सच को कहने में जो झिझकते है उन गद्दारो को सलाह है के वोह
मेरे इस सारे जहाँ से अच्छे हिंदुस्तान को छोड़कर कहीं और चले जाएँ
,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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