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13 मार्च 2014

पिछले 40 साल से दुबई में हिंदुओं को पूजा का सामान बेचता है ये मुस्लिम परिवार



दुबई। मंदिर के बाहर फल-प्रसाद की दुकान तो आम बात है, लेकिन अगर ये दुकान एक मुस्लिम परिवार लगा रहा हो, तो चौंकना लाजमी है। बुर दुबई इलाके में मंदिर के बाहर एक मुस्लिम परिवार ऐसी ही एक दुकान चला रहा है, जिसमें फूल-माला और फलों से लेकर पूजा-पाठ का हर सामान मिलता है। इस परिवार को हिंदू धर्म की इतनी अच्छी समझ है, जैसी शयद ही किसी पंडित को हो। 
 
अब्दुल्लाह हुसैन खौरी ने भीड़भाड़ वाले पुराने दुबई इलाके में चार दशक पहले पूजा-पाठ के सामान की एक दुकान शुरू की थी। अब ये शहर में पूजा की सामग्री की सबसे पुरानी दुकानों में से एक है। 
 
दुकान को लेकर क्या सोचता है खौरी परिवार 
 
दुकान चलाने वाले हसन खौरी कहते हैं कि वो अपने पूर्वजों के नक्शेकदम पर ही चल रहे हैं, जिन्होंने ये जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। अल अशीरा पूजा दुकान के साथ ही हसन एक खिलौने की दुकान भी चलाते हैं। हुसैन ने अपने परिवार को अल अशीरा दुकान की जिम्मेदारी सौंपने से पहले अपनी जिंदगी का एक लंबा वक्त सऊदी अरब में बिताया है। 
 
वहीं, परिवार के एक सदस्य का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को बरसों से चली आ रही इस परंपरा से बहुत लगाव है। वो लोग चाहते हैं कि आगे भी ये परंपरा ऐसे ही चलती रहे।
अल अशीरा जैसी कोई दुकान नहीं
 
शहर में इस वक्त अल अशीरा की तरह कोई पूजा सामग्री की दुकान नहीं है। मंदिर एक नंबर गेट के बगल सकरी गली में मौजूद इस दुकान पर आपको रुद्राक्ष और तुलसी की माला से लेकर पूजा का हर सामान मिल जाएगा। 
 
इतना ही नहीं, अगर मंदिर में पहुंचने वाले ये भूल जाएं कि किसी दिन किस भगवान को क्या प्रसाद चढ़ेगा या पूजा-सामग्री में क्या-क्या सामान लगेगा, तो इस परिवार के पास इस परेशानी का भई समाधान है। ये मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिनटों ने बता सकते हैं कि किस दिन किस भगवान का किन सामानों से पूजन होना है। 
 
हसन ने कहा कि उनके लिए सबसे अच्छे दिन मंगलवार और शनिवार का होता है, क्योंकि इन दिनों में उनकी कमाई सबसे अच्छी होती है। वो दिन भर में ढाई हज़ार दिरहम तक कमा लेते हैं। 
 
जानिए खौरी परिवार के बारे 
 
ईरान में खुर से ताल्लुक रखने वाले हसन खौरी पारसी भाषा में बोलते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर वो अंग्रेजी, अरबी, उर्दू और हिंदी में भी फर्राटे से बात कर सकते हैं। 
 
हालांकि इन सब बातचीतों के दौरान उन्होंने अपने धर्म को लेकर अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश जरा भी नहीं की। दुकान के मुख्य मार्ग पर ही अंग्रेजी में बड़े शब्दों में लिखा है कि अल्लाह सबसे बड़ा दानदाता है। 

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